रिपब्लिक डे (गणतंत्र दिवस) क्यों मनाते हैं
इस साल हमलोग 72 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। बच्चों आज मैं आपको बताऊँगी 26 जनवरी यानि गड़तंत्र दिवस के बारे में। अच्छा अभी कौन सा साल चल रहा, अभी 2021 चल रहा, और अब मैं बताने जा रही हूँ 1947 के बारे में जब हमारे देश को ब्रिटिश से आजादी मिली थी। 15 अगस्त 1947 का वो दिन जब हमारा देश आजाद हुआ था। आजादी मिलने के बाद अपना संविधान बनाना जरूरी था। संविधान मतलब ऐसा रूल यानि नियम जिसे पूरा देश माने और इसी के लिए एक संविधान सभा को बनाया गया। जिसके हेड थे बाबा भीम राव अंबेडकर। जिन्हें संविधान का पिता भी बोला जाता है।
इस सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1947 से शुरू किया। दुनिया का सबसे बड़ा हैंड रिटन संविधान को तैयार किया। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। इसके बाद हमारा संविधान बन कर तैयार हुआ। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को स्वीकार किया था। इसलिए 26 नवंबर को हम लोग संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाते हैं।
वैसे संविधान जब 26 नवंबर 1949 को बन कर तैयार हो गया था तब भी हमलोग 26 जनवरी को ही क्यों रिपब्लिक डे के रूप में मनाते हैं। क्यों कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था। अब 26 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया। तो ये बात 1929 की है जब दिसंबर महीने में लाहौर में 26 जनवरी के दिन ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध काँग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास किया था। और इसी वजह से रिपब्लिक डे के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया और हर साल रिपब्लिक डे के रूप में मनाया जाने लगा। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बज कर 18 मिनट पर भारत एक गणतंत्र बना। इसी के 6 मिनट बाद 10 बज कर 24 मिनट पर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया था। इस ही दिन पहली बार डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी भी ली थी।
इसलिए तब से रिपब्लिक डे के दिन राष्ट्रपति फ्लैग होस्टिंग करते हैं और निकलने वाली परेड को सलामी भी देते हैं। जब पहली बार यानि 26 जनवरी 1950 को रिपब्लिक डे मनाया गया था तब उस समय हमारे देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने तिरंगा इरविन स्टेडियम जिसे अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम भी कहते हैं वहाँ पर फहराया था।